अकबर बीरबल स्टोरीज हिंदी | Akbar Birbal Stories Hindi

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दोस्तों वैसे तो akbar birbal stories पढ़ना सबको पसंद होता है, लेकिन आम तौर पर बच्चो को akbar birbal stories पढ़ने में बहुत ही ज्यादा रूचि होती है। इसीलिए हम आपके लिए कुछ चुने हुए  अकबर बीरबल स्टोरीज हिंदी में लेकर आये हैं उम्मीद आपको ये akbar birbal की kahani पसंद आएगी ।

 Akbar Birbal Stories Hindi : Hara Ghoda-

इस Akbar Birbal Story  में जहापनाह Akbar Birbal से हरे घोड़े की मांग करते, लेकिन Akabar और बीरबल दोनों को ये बात पता होती है की हरे रंग का घोडा होता ही नहीं है फिर भी इस Akbar Birbal Story में बीरबल बड़ी चतुराई से जहापनाह के जिज्ञासा को पूरा कर देतें है।
एक दिन बादशाह अकबर घोड़े पर बैठकर शाही बाग में घूमने गए।
साथ में बीरबल भी थे। चारों ओर हरे-भरे, वृक्ष और
हरी-हरी घास देखकर अकबर को बहुत आनन्द आया।
उन्हें लगा कि बगीचे में सैर करने के लिए तो घोड़ा भी हरे रंगका ही होना चाहिए।
उन्होंने बीरबल से कहा, “बीरबल मुझे हरे रंग का घोडा:चाहिए।
तुम मुझे सात दिन में हरे रंग का घोड़ा ला दो।
यदि तुम  हरे रंग का घोडा न ला सके तो हमें अपनी शक्ल मत दिखाना।”
हरे रंग का घोड़ा तो होता ही नहीं है। अकबर और बीरबल दोनों को यह मालूम था,
लेकिन अकबर को तो बीरबल की परीक्षा लेनी थी।
दरअसल, इस प्रकार के अटपटे सवाल करके वे चाहते थे कि बीरबल
अपनी हार स्वीकार कर ले और कहे कि जहाँपनाह मैं हार गया,
मगर बीरबल भी अपने जैसे एक ही थे। वे उनके हर सवाल का
ऐसा सटीक उत्तर देते थे कि बादशाह अकबर को मुँह की खानी पड़ती थी।
बीरबल हरे रंग के घोड़े की खोज के बहाने सात दिनइधर-उधर घूमते रहे।
आठवें दिन वे दरबार में हाजिर हुए और बादशाह से बोले,”जहाँपनाह!
मुझे हरे रंग का घोड़ा मिल गया है ।”
बादशाह को आश्चर्य हुआ। उन्होंने कहा,
“जल्दीबताओ, कहाँ है हरा घोड़ा?”
बीरबल ने कहा, “जहाँपनाह! घोड़ा तो आपको मिल जाएगा,
मैंने बड़ी मुश्किल से उसे खोजा है, मगर उसके मालिक ने दो शर्ते रखी हैं।
बादशाह ने कहा,”क्या शर्ते हैं?”
“पहली शर्त तो यह है कि घोड़ा लेने के लिए आपको स्वयं ही जाना होगा।”
“यह तो बड़ी आसान शर्त है। दूसरी शर्त क्या है?”
 “घोड़ा खास रंग का है, इसलिए उसे लाने का दिन भी खास ही होगा।
उसका मालिक कहता है कि सप्ताह के सात-दिनों के
अलावा किसी भी दिन आकर इसे ले जाओ|”
अकबर बीरबल का मुँह देखते रह गए।
बीरबल ने हँसते हुए कहा, “जहाँपनाह! हरे रंग का घोड़ा लाना हो,
तो उसकी शर्तें भी माननी पड़ेंगी।
अकबर खिल-खिला कर हँस पड़े। बीरबल की चतुराई से वह खुश हुए।
समझ गए कि बीरबल को मूर्ख बनाना सरल नहीं है।

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